शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2011

"Valentine King and Queen contest"

"Valentine King and Queen Contest" 
  मैं खुद को एक लेखिका या कवित्री की श्रेणी में न गिनते हुए भी एक छोटा सा प्रयास अपने उदगार और अपने ख़ूबसूरत  आत्म संस्मरण को  अभिव्यक्त कर सकने  तो कर ही सकती हूँ ...यही सोच मैंने " jagranjuction द्वारा आयोजित valetine  किंग एंड Queen कांटेस्ट" में हिस्सा लेने के लिए हस्ताक्षर करती हूँ ; अर्थात इस कांटेस्ट में भाग लेना  चाहती हूँ......
"बहुत सुने थे , तेरे हुस्न  के चर्चे मैंने ,
जब देखा चर्चों  से चौगुना पया  मैने" 
हाँ,बस ...ये मदहोश कर देने वाली दो पंक्तियाँ मुझसे मेरे प्रियतम (पति) के प्रथम मिलन की हैं;जिसे उन्होंने सभी बड़ों की नज़रों से बचा कर मुझे चुपके से एक चिट में लिखकर दिया था.आज कितने ही वर्ष क्यों न हो गए हों  ये कल ही की बात लगती है .आज भी मैं खुद को उतना ही जवाँ महसूस करती हूँ .मेरे लिए हर दिन 'valetine day ' होता है .हर दिन एक नया मधुमास ही प्रतीत होता है;होना भी चाहिए .जब  ईश्वरहर रोज नया दिन नई रात बनता है 'वो हर दिन जो बीत जाता वापस नहीं आता है यदि आता है तो वह "नया " ही कहलाता है' ;तो फिर हम लोग क्यों नहीं इस बात से प्रेरणा लेते ?
कुछ भी हो "अपना प्रियतम (पति) बड़ा प्यारा होता है . उसकी महक  उसके क़दमो की  आहट तन-मन में समाई रहती है . उसके  सानिध्य से जीवन की सारी मुश्किलें पता ही नहीं चलती हैं."
प्रभु की मैं बड़ी शुक्रगुजार रहूंगी; क्योकि  मै जैसा चाहती थी उन्होंने वैसा ही 'प्रियतम' मुझे दिया. प्रभु सदा मेरे पति की रक्षा करें !
मैं इस "valentine  किंग एंड Queen  कांटेस्ट के माध्यम से यह सन्देश (सुझाव) भी देना चाहूँगी;" हर पल अनमोल है क्यों न हम सभी पति-पत्नी आपस में एक सच्चे प्यार और विश्वास से एक-दूसरे का हाथ थामे जीवन का रास्ता तय करें;  और हर दिन को Vletine din  ही समझें  न कि किसी ख़ास दिन का इंतजार  कर इजहार करें. "

मीनाक्षी श्रीवास्तव